TET परीक्षा में सफलता कैसे पाएं।

 मित्रों नमस्कार,
                जैसे कि मैंने आपसे वादा किया था, अगले पार्ट में  टीईटी परीक्षा  मैं कैसा सफलता पाएं इस संबंध में और नई जानकारियां आपके साथ साझा करूंगा  इससे पहले मैंने अपने लेख में यह बताया था ,की परीक्षा में क्या करें और क्या ना करें ?अगर आप मेरा  पहले  का लेख नहीं पढ़ा हो तो पहले उसे  पढ़ ले जिससे आपको समझने में कठिनाई ना हो ।तो चलिए आज हम इस लेख में परीक्षा के लिए क्या पढ़ें और क्या ना पड़े के बारे में जानकारी लेते हैं|

 हमें कौन-कौन सी किताबों का चयन करना चाहिए
   
 तो दोस्तों सबसे महत्वपूर्ण बात यह है ,कि हम अपनी तैयारी के लिए कौन सा माध्यम चुनते हैं। बहुत सारे परीक्षार्थी अपनी तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर का रुख करते हैं, वह एक  अच्छा माध्यम है,  पर बहुत सी जगहों में अच्छी कोचिंग इंस्टिट्यूट नहीं है ,और बहुत से लोग कोचिंग इंस्टिट्यूट के लिए पैसा एवं समय दोनों नहीं दे पाते हैं।  तो मैं ऐसे परीक्षार्थियों को यह सजेस्ट करूंगा की किताबों का सही चयन  कर अपनी तैयारी घर में ही करें। अगर आपने सही किताबों का चयन किया और अच्छे से तैयारी की है तो निश्चित ही सफलता मिलेगी|

 दोस्तों बाजार में हमें किसी भी परीक्षा से संबंधित अनेकों प्रकार के गाइड ,पुस्तक इत्यादि आसानी से मिल जाती बहुत सारे गाइड ऐसे होते हैं ,जो पूरी परीक्षा के सिलेबस को  एक ही किताब में उतारने का प्रयास करते हैं, इसमें यह होता है की सिलेबस की कुछ बातें छूट जाती है, और हमें सिलेबस का पूरा मटेरियल प्राप्त नहीं होता है ।

दोस्तों मैं आपको यह सजेस्ट करूंगा की आप किताबों का चयन सिलेबस में दिए गए विषयों जिनकी परीक्षा होनी है,  उसका अलग अलग चयन करें|

 उदाहरण के लिए मान लिया जाए हमें बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र की किताब लेनी है, तो हम ऐसा किताब का चयन करेंगे जो सिर्फ उसी से आधारित हो|

 मैंने यहां उदाहरण के तौर पर एक किताब दिखाई है जरूरी नहीं कि आप  वह ही किताब खरीदें आपको अपने समझ के अनुसार यह तय करना है, कि किनके द्वारा लिखी गई पुस्तक आपको आसानी से समझ में आती है ।पर आप जो भी किताब ले पहले तो मैंने जो ऊपर में  बताया है इस प्रकार के किताब का चयन करें ।और उसके पश्चात किताब के अंदर के विषय सूची पर ध्यान दें आप यह देखें की जो विषय सूची किताब में दी गई है वह आपके सिलेबस से मेल खाती है या नहीं। मैं यहां पर जो किताब दिखाई है एक बार उसका  विषय सूची भी दिखाता हूँ।

 अभी विषय सूची  मैं कौन सी चीज महत्वपूर्ण होती है इस बारे में  समझते हैं ।यहां पर पहला दिया हुआ है ,विकास की अवधारणा और इसका अधिगम से संबंध अब उसके बगल में वह कितने पेज में लिखा गया है ,उसका जिक्र है यहां पर बता रहा है कि 1 से लेकर 12 तक के पन्नों पर इस विषय से संबंधित जानकारी है ।तो मित्रों आप यह अंदाजा लगा सकते हैं की तथाकथित विषय की कितनी जानकारी 12 पन्नों में दी जा सकती है, और आप कितना पढ़ने में समर्थ हैं।

 आप उसी प्रकार के किताब का चयन करें  जिसके लिए आप समय दे सकते हैं।
 तो मित्रों इस लेख को यहीं पर समाप्त करते हैं ।अगले लेख में किस तरह प्रश्नों को हल करना है, कौन-कौन से प्रश्न पढ़नी चाहिए ,आदि प्रश्नों पर जानकारी लेकर आएंगे तब तक के लिए परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे आशा करते हैं कि आपको सफलता जरूर मिलेगी।