Sal Tree Wood In Hindi
साल वृक्ष -परिचय
साल वृक्ष साधरणतया भारत वर्ष के कुछेक राज्यों जैसे-झारखण्ड,बिहार,छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश,उतरप्रदेश,बंगाल,असम,अरुणाचल प्रदेश तथा अन्य राज्यों में पाये जाते हैं।साल वृक्षआकार में काफी बड़े होते हैं,इनकी औसत उँचाई तकरीबन 80से 100 फीट तक हो सकती है।
साल वृक्ष की लकड़ी काफी कठोर होती है,और इसके बाहरी छाल भी काफी मोटी व कठोर होती है।
साल वृक्ष मध्यम तापमान एवं मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
साल वृक्ष के पत्ते आकार में बड़े होते हैं जिस कारण इसके कई उपयोग हैं।
साल वृक्ष गर्मीयों में अपने पत्ते गिरा देते हैं,अतः इन्हें पर्ण पाती वृक्षों के समुह में रखा जाता है।
साल वृक्ष के फल-(Sal Fruit)
साल वृक्ष में फल मार्च-अप्रैल के महिनों में आते हैं और वर्षा रितु के प्रारम्भ होने से पुर्व पुरी तरह पक कर तैयार हो जाते हैं।
साल वृक्ष के फलों की आकृति बैडमिंटन के सटल जैसी होती है,इनकी इस आकृति के कारण ये हवा में काफी देर तक तैरते रहते हैं।
साल वृक्ष के फलों की यही खासियत इनके बीजों का फैलाव दूर-दूर तक कर देते हैं।
साल वृक्ष भारतीय राज्यों के जंगलों में काफी मात्रा में पायी जाती है,जिस कारन इन वृक्षों की खेती नहीं होती है।
साल वृक्ष का वैज्ञानिक परिचय-
जगत-----पादप।
गण------मैलवलीस
वंश-------सोरिया।
जाति------एस रोवस्टा।
साल वृक्ष चित्र-
साल वृक्ष की उपयोगिता-
साल वृक्ष मनुष्यों के लिए बहुत सी उपयोगी वस्तुएं प्रदान करती है।
1.इमारती लकड़ी-(Timber)
साल वृक्ष की लकड़ी काफी कठोर होती है
इस्से ग्रामीण इलाकों में अधिकांश कच्चे मकानों के छत का निर्माण किया जाता है।
साल वृक्ष की लकड़ी से कृषि यंत्र हल आदि का भी निर्माण किया जाता है।
साल वृक्ष की लकडी से घरों के दरवाजे,खिडकियां ,टेबल,कुर्सी,पलंग,खाट और अन्य जरुरी फर्निचर बनाए जाते हैं।
2.जलावन की लकड़ी-(Firewood)
साल वृक्ष की लकड़ी का उपयोग उन स्थानों पर जहां आज भी एल पी जी की पहुँच नहीं है बहुतायत में जलावन के रुप में की जाती है।
इसके साथ इंट भट्ठों में इंटो को पकाने के लिए भी साल वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।
3.साल वृक्ष के छाल-
साल वृक्ष के छाल काफी मोटे होते हैं,अतः इसका उपयोग भी जलावन के रुप में किया जाता है।
कच्चे मकानों के छतों को बनाने में उपयोग किये जाने वाले खप्पडों को पकाने के लिए भी साल वृक्ष के छालों का उपयोग किया जाता है,जिस्से खप्पड़ पककर वाटर रजिस्टेंट की तरह कार्य करते हैं।
4.साल वृक्ष पत्ते-(Leaf)
साल वृक्ष के पत्तों का उपयोग साधारणतः ग्रामीण इलाकों में उत्सव,शादी विवाह एंव अन्य अवसरों पर खाने के प्लेट बनाने में किया जाता है।
आज आपको कुछ शहरों में भी खाने के प्लेट साल वृक्ष के पत्तों के मिल जाएंगें,कहीं कहीं इन प्लेटों को बनाने की फैक्ट्रीयां भी लगाई गई हैं।
साल वृक्ष की पत्तियों की फैक्ट्री फायदेमंद साबीत हो सकती है क्योंकि पत्तियां बहुतायत में सस्ते दामों में उपलब्ध हो सकती हैं।
5.साल वृक्ष के तरल-
साल वृक्ष के तनों या डालियों में कट लगने से उसमें से एक चिपचिपा तरल पदार्थ निकलता है जो सुखने के बाद ठोस रुप धारन कर लेता है जिसे पुजन सामग्री के रुप में उपयोग किया जाता है।
6.साल वृक्ष के फल-
साल वृक्ष के फल ग्रामीण इलाके के लोगों के जीविका का एक बहुत बडे साधन के रुप में जाना जाता है क्योंकि अच्छे दामों पर कई राज्य सरकारें इसे खरीद लेती हैं।
साल वृक्ष के फलों से नील,स्याही,रंग आदि बनाए जाते हैं।
आकाल के समय में कुछ वनवासी इसका उपयोग पेट भरने के लिए भी करते थे।
हालांकि इसका स्वाद कसेला होता है,पर गुड मिलाकर इसे खाया जा सकता है।
आपातकाल में इसका उपयोग भोजन के रुप में किया गया था,हम आपको इसे खाने की सलाह नहीं दे रहें हैं।
साल वृक्ष का धार्मिक महत्व-
झारखण्ड में साल वृक्ष को पुजनीय माना जाता है,झारखण्ड में आदीवासियों द्वारा मनाए जाने वाले पर्व सरहुल में साल वृक्ष की पूजा की जाती हैं,औरतें साल वृक्ष के फूल को अपने बालों में लगाकर नृत्य करती हैं।
साल वृक्ष की राजनैतीक महत्व-
झारखण्ड राज्य में साल वृक्ष को राजकीय वृक्ष का ओहदा प्राप्त है।
जिस कारण झारखण्ड के लिए यह एक महत्वपूर्ण वृक्ष है।
झारखण्ड में साल वृक्ष को सखुवा व साखू के नाम से भी जाना जाता है।
साल वृक्ष को खतरा-
साल वृक्ष अपने असिमीत उपयोगिता के कारण अंधाधुध कटाई के सिकार हुए हैं।
जंगलों में लगने वाली आग भी साल वनों को धीरे-धीरे समाप्त कर रहीं हैं।
साल वृक्ष के पत्ते का चित्र-(pic of sal tree leaf)
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